बच्चा पैदा करने के लिए युवती को खरीदा:गर्भवती हाेने पर अस्पताल में पत्नी के नाम से भर्ती कराया, फिर बच्चा अपने पास रख भगा दिया

बच्चा पैदा करने के लिए युवती को खरीदा:गर्भवती हाेने पर अस्पताल में पत्नी के नाम से भर्ती कराया, फिर बच्चा अपने पास रख भगा दिया

जिले के काठबड़ौदा गांव में एक प्रभावशाली व्यक्ति संतान की चाहत में नागपुर से एक युवती को खरीदकर ले आया। गांव वालों को भनक नहीं लगे इसलिए युवती को 16 महीने तक घर में छिपाकर रखा, उसका शारीरिक शोषण किया। डिलीवरी के लिए देवास के प्राइवेट हॉस्पिटल में अपनी पत्नी के नाम से भर्ती कराया, जहां ऑपरेशन से बच्चे का जन्म हुआ। बच्चे का जन्म होते ही युवती को बच्चे से दूर कर भगा दिया। यह मामला चार दिन पहले तब सामने आया जब 19 साल की युवती 6 नवंबर को देवास गेट पर लावारिस हालत में पुलिस को मिली। थाना प्रभारी राममूर्ति शाक्य ने उसे वन स्टॉप सेंटर भिजवाया। पुलिस ने बताया कि ऑपरेशन से डिलीवरी होने के कुछ घंटे बाद युवती को भगा दिया था। इस वजह से उसकी हालत बिगड़ गई और पेट में इंफेक्शन हो गया। महिला का वन स्टॉप सेंटर प्रभारी आभा शर्मा के माध्यम से इलाज कराया जा रहा है। पुलिस और महिला बाल विकास विभाग की टीम आरोपियों की जानकारी जुटा रही है। बुधवार को पुलिस व बाल विकास की टीम गांव पहुंची। अधिकारियों ने कहा कि खरीद-फरोख्त और शारीरिक शोषण का यह गंभीर मामला है। इसमें कई आरोपी बनेंगे।

एक दर्द भरी कहानी: युवती को डेढ़ साल तक घर के अंदर छिपाकर रखा

युवती ने वन स्टॉप सेंटर को बताया, ‘मैं नागपुर की रहने वाली हूं। माता-पिता नहीं हैं। परिवार में 13 साल का भाई है। नागपुर की चंदा नामक महिला शादी का भरोसा दिलाकर एक आदमी को बेचकर चली गई। उसने करीब डेढ़ साल घर में छिपाकर रखा। इस दौरान घर में मुझे जो जानकारी मिली उसके मुताबिक, उस आदमी की पत्नी को दो बच्चे हुए थे इसके बाद उसने पत्नी की नसबंदी करवा दी थी। इस बीच बच्चे मर गए।ऑपरेशन के बाद पत्नी बच्चे को जन्म नहीं दे सकती थी, इसलिए उसने पत्नी और घरवालों की सहमति से मुझे बच्चा पैदा करने के लिए खरीदा। उक्त व्यक्ति की पत्नी चोटी पकड़कर मारती व पति के साथ रहने को कहती। जब मैं गर्भवती हुई तो वह व्यक्ति अपनी पत्नी के पेट पर तकिया बांधकर रखता था, ताकि लोगों को लगे कि वह गर्भवती है।मुझे अस्पताल भी कार में सीट पर लिटाकर इस तरह ले जाते थे कि कोई देख न पाए। इस तरह किसी को मेरे बारे में पता नहीं चलने दिया। देवास के निजी अस्पताल में डिलीवरी के समय मेरी जगह पत्नी का नाम लिखाया ताकि बच्चे के जन्म प्रमाण पत्र में उसकी पत्नी का नाम रहे। दशहरे पर बच्चे को जन्म देते ही कुछ लोग कार से उज्जैन छोड़कर धमकी देकर चले गए कि अब दिखाई मत देना, यह बात किसी को बताई तो जान से मार देंगे।’

खरीद-फरोख्त के बाद नोटरी कराई, सबसे पहले उज्जैनिया गांव में रखा था

खरीद-फरोख्त करने वाले प्रभावशाली व्यक्ति ने नोटरी भी कराई। सबसे पहले पीड़िता को पानबिहार के पास उज्जैनिया गांव में बहन के यहां रखा था। यहीं पर हुई सौदेबाजी के बाद उसे अगले दिन अपने साथ कार में कायथा लेकर गया था। गांव में सबसे बड़ा घर प्रभावशाली व्यक्ति का है, जिसके अंदर किसी को आने-जाने नहीं दिया जाता। बुधवार को टीम गांव पहुंची तो गांव के लोग भी उसके खिलाफ कुछ बताने को तैयार नहीं थे। इतना ही बोले कि वह बहुत दबंग है।

पुलिस को पत्र लिखकर कार्रवाई के लिए कहेंगे

इस मामले में महिला बाल विकास विभाग के सहायक संचालक साबिर अहमद सिद्दिकी ने कहा कि हमारी प्राथमिकता युवती का इलाज और पुलिस सहायता दिलाना है। पुलिस को पत्र लिख रहे हैं, ताकि ठोस कार्रवाई हो सके। उधर, एडिशनल SP डॉ. रवींद्र वर्मा ने कहा कि युवती के साथ जो घटना सामने आई वह बेहद गंभीर है। CSP इस मामले की जांच कर रहे हैं, जिसने गलत किया है, उनका पता लगाकर सख्त कार्रवाई की जाएगी।