ओमिक्रॉन से निपटने की चुनौती:कोरोना के नए वैरिएंट की जांच के लिए विदेशों से आए लोगों की सूची का इंतजार; अस्पतालों को तैयार रहने के निर्देश
छत्तीसगढ़ के सामने कोरोना वायरस के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन से निपटने की चुनौती बढ़ गई है। प्रदेश में जीनाेम सिक्वेंसिंग की व्यवस्था नहीं है। अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा भी नहीं है, जिससे विदेश से आने वाले लोगोें की वहीं जांच की जा सके। सरकार को विदेशों से छत्तीसगढ़ आए लोगों की सूची का इंतजार है जो केंद्र सरकार से मिलनी है। इस बीच सभी अस्पतालों को नए वैरिएंट से निपटने को तैयार रहने के लिए कह दिया गया है।
केंद्र सरकार ने नए वैरिएंट को लेकर एडवाइजरी जारी की है। इसके मुताबिक विदेश से आए सभी लोगों को कम से कम 7 दिन आइसोलेशन में रखना है। 7 से 10 दिनों के भीतर बीमारी के लक्षण नजर आएं तो तत्काल जांच कर सीधे अस्पताल में भर्ती कराने को कहा गया है। ऐसे मरीजों को होम आइसोलेशन की इजाजत नहीं देने को कहा गया है।
स्वास्थ्य विभाग ने सभी कलेक्टरों और मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों को इसके लिए निर्देशित कर दिया है। इधर, एपिडेमिक कंट्रोल के संचालक डॉ. सुभाष मिश्रा का कहना है, जिलों को इससे संबंधित निर्देश जारी कर दिए गए हैं। ओमिक्रॉन प्रभावित देशों से लौटे यात्रियाें की जानकारी केंद्र सरकार उपलब्ध कराने वाली है। उसके आधार पर कार्रवाई होगी।
विदेश से ही आया था छत्तीसगढ़ का पहला केस
छत्तीसगढ़ में कोरोना का पहला मामला 18 मार्च 2020 को सामने आया था। यह रायपुर की एक लड़की थी जो एक दिन पहले ही लंदन से लौटी थी। उस समय जांच आदि की इतनी व्यापक व्यवस्था नहीं थी। लड़की ने खुद एम्स जाकर जांच के लिए सैंपल दिया। वहां पता चला कि वह कोरोना पॉजिटिव है।
शनिवार को 27 नए मरीज मिले, अकेले रायगढ़ में ही 10
छत्तीसगढ़ में कोरोना का कहर पूरी तरह से थमा नहीं है। शनिवार को दिन भर में 22 हजार 995 नमूनों की जांच हुई। इस दौरान 27 लोगोें में संक्रमण की पुष्टि हुई है। सबसे अधिक 10 मरीज रायगढ़ जिले में मिले हैं। दुर्ग, राजनांदगांव और बस्तर मेें 2-2 और रायपुर में एक मरीज की पुष्टि हुई है। प्रदेश में अब संक्रमित लोगों की संख्या 326 हो गई है।