कटघोरा: कटघोरा जिला की घोषणा में 7 दिवस के भीतर संतोषप्रद जवाब नही मिला,तो सत्ताधारियों समेत प्रदेश के मुखिया की शवयात्रा व पुतला दहन तय- शरद देवांगन प्रदेश महामंत्री गोंगपा..

कटघोरा: कटघोरा जिला की घोषणा में 7 दिवस के भीतर संतोषप्रद जवाब नही मिला,तो सत्ताधारियों समेत प्रदेश के मुखिया की शवयात्रा व पुतला दहन तय- शरद देवांगन प्रदेश महामंत्री गोंगपा

 

कटघोरा:26 जनवरी का आश्वासन सारहीन होने के बाद कटघोरा को जिला बनाने की मांग अब उग्र हो चली है क्षेत्रीय गोंडवाना गणतंत्र पार्टी ने भी जिला बनाओ समिति को समर्थन देंते हुए साफ कर दिया है कि आगामी सात दिवस के भीतर सन्तोषप्रद जवाब नही मिलता है तो प्रदेश के मुखिया समेत सांसद,विधायक व जनप्रतिनिधियों की शव यात्रा निकालकर पुतला दहन कर जिले की मांग को पुरजोर तरीके से उठाई जाएगी।

जैसा कि विदित है पिछले 159 दिनों से अधिवक्ता संघ द्वारा शांतिपूर्ण तरीके से कटघोरा को जिला बनाने की मांग जारी है,उक्त जायज मांग में सर्व राजनैतिक दल, सर्व समुदाय,सर्व समाजसेवी संस्था,सर्व व्यापारी वर्ग व कटघोरा वासियों सहित ग्रामीण इलाकों की जनता ने भरपूर समर्थन प्रदान किया है।इस दौरान सांसद महोदया श्रीमति ज्योत्स्ना महंत, कटघोरा विधायक पुरुषोत्तम कंवर व पाली तानाखार क्षेत्र के विधायक मोहितराम केरकेट्टा द्वारा कटघोरा की जनता व जिला बनाओ समिति को पूर्ण आश्वस्त कर भरोषा दिलाया था कि 26 जनवरी तक कटघोरा जिले की घोषणा हो जाएगी,लेकिन 26 जनवरी के शुभ अवसर पर भी कटघोरा जिले की घोषणा नही हो पाई।लिहाजा कटघोरा जिला बनाओ अभियान समिति व कटघोरा की जनता के सपने चकनाचूर हो गए।अब कटघोरा की जनता घोषणा नही हो पाने की वजह क्षेत्र के सांसद महोदया तथा कटघोरा व पाली तानाखार विधायक को मानकर कोसने पर मजबूर हैं।

क्षेत्रीय पार्टी गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के प्रदेश महामंत्री शरद देवांगन ने कटघोरा को जिला बनाओ समिति को समर्थन देते हुए राज्य सरकार के मुखिया माननीय भूपेश बघेल समेत सांसद महोदया श्रीमति ज्योत्स्ना महंत ,कटघोरा विधायक पुरुषोत्तम कंवर, पाली तानाखार विधायक मोहितराम केरकेट्टा सहित तमाम जनप्रतिनिधियों को निशाने पर लेते हुए सात दिवस के भीतर संतोषजनक जवाब नही मिलने पर सभी की शवयात्रा निकालने का अल्टीमेटम कटघोरा अनुविभागीय अधिकारी राजस्व व थाना कटघोरा को देकर राजनैतिक माहौल गर्म कर दिया है।इनकी माने तो कटघोरा जिला की घोषणा में विलंब का प्रमुख कारण मौजूदा सरकार के प्रवंचक सत्ताधारी है जो कटघोरा की भोली भाली जनता को मिथ्या चुनावी घोषणा पत्र दिखाकर छलिय तरीके से सत्ता हासिल कर अपनी राजनैतिक रोटियां सेंक बगुला भगत बने बैठे हैं।इन्होंने पूर्ववर्ती सरकार के सत्ताधारीयो को भी नही बक्षा,इन्हें भी आड़े हाथों लेते हुए कहा है कि आज विपक्षी दल का मौन होना भी सन्देहास्पद है कहीं मौजूदा सरकार के खिलाफ जाने से इनकी ठेकेदारी खतरे में ना जाये।

कटघोरा को जिले का दर्जा दिलाने की लड़ाई आखिर किस मोड़ पर जाकर थमेगी यह तो आगामी दिनों में ही साफ हो पायेगा लेकिन अब कटघोरा की जनता भी कुछ हद तक वाकिफ हो चुकी है कि उनके साथ धोखा हुआ है।अब मौजूदा सरकार के सत्ताधारियों को समझना होगा कही आगामी चुनाव में जिले का वादा गले की हड्डी ना बन जाये।