लैंटाना उन्मूलन के नाम पर किये गए भ्रष्टाचार पर आखिर क्यों मौन है… वन मंत्री, विधायक, अधिकारी….

लैंटाना उन्मूलन के नाम पर किये गए भ्रष्टाचार पर आखिर क्यों मौन है… वन मंत्री, विधायक, वन विभाग अधिकारी

 

 

मरवाही वन परिक्षेत्र में संजय त्रिपाठी और रेंजर दरोगा सिंह के द्वारा नियमो को ताक पर रखते हुए पूरे मरवाही वन परिक्षेत्र में लैंटाना उन्मूलन के नाम पर लाखों करोड़ों रुपयों का गबन किया गया है.. जिसकी जानकारी विभाग के सभी अधिकारियों को होने के बाद भी आज तक विभाग पूरे तारिके से मूक दर्शक बना बैठा हुआ है आखिर इसकी वजह क्या है ?

संजय त्रिपाठी जो कि है सिर्फ एक एसडीओ जो कि मरवाही वन मण्डल में सालों से पदस्थ है लेकिन इनके चर्चे लगभग पूरे छत्तीसगढ़ में सबसे ज्यादा हो रहे हैं क्योंकि संजय त्रिपाठी के द्वारा विभागीय अधिकारियों के आंख के सामने ही बड़े बड़े भ्रष्टाचार को अंजाम दिए जाने के बाद भी आज तक इनपर कार्यवाही तो दूर इनका ट्रांसफर तक नही हो सका है इससे साफ जाहिर होता है कि चाहे वो सीसीएफ राजेश चंदेले हो या फिर पीसीसीएम राकेश चतुर्वेदी या फिर वन मंत्री अकबर ही क्यों न हो ये सभी संजय त्रिपाठी के द्वारा किये गए भ्रष्टाचार की न तो उचित जाँच कराने का दम रखते न ही इसपर कोई कार्यवाही करने की हिम्मत जुटा पा रहे है शायद यही एक कारण है कि संजय त्रिपाठी बिना किसी खौफ के लगातार एक से बढ़ कर एक कृत्य करते जा रहे है कांग्रेस पार्टी के स्थानीय विधायक भी इनकी शिकायत कर चुके है इसके बावजूद अब तक त्रिपाठी के ऊपर कोई कार्यवाही न होना लोकतंत्र पर भी एक गहरा आघात है क्योंकि विधायक जनता का प्रतिनिधि होता है और अगर विधायक की शिकायत पर ही कार्यवाही न हो तो फिर आम जनता आखिर जाए भी तो कँहा अब देखना ये होगा कि शासन और प्रशासन क्या जनता के हक में फैसला लेते हुए संजय त्रिपाठी के काले कारनामों की जांच कराते हुए उनपर कार्यवाही करती है या फिर उनको और ज्यादा भ्रष्टाचार करने के लिए खुली छूट दे दी जाती है संजय त्रिपाठी पर कोई कार्यवाही का न होना सीसीएफ पीसीसीएफ के साथ साथ वन मंत्री के कार्यशैली पर भी एक गम्भीर सवाल खड़ा करता है जिसका खामियाजा आने वाले विधानसभा चुनाव में भी देखने को मिल सकता है..!