अदम्य नेतृत्व क्षमता, नए प्रयोग और पुलिसिंग कार्य में बेहतर बदलाव के लिए जाने जाते है IPS संतोष सिंह….

कोरबा के नए पुलिस कप्तान: अदम्य नेतृत्व क्षमता, नए प्रयोग और पुलिसिंग कार्य मे बेहतर बदलाव के लिए जाने जाते है आईपीएस संतोष सिंह

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कोरबा:-छत्तीसगढ़ में एक ऐसे आईपीएस अधिकारी संतोष सिंह जो अपनी अच्छी नेतृत्व क्षमता और नए प्रयोग तथा अच्छे काम के साथ पुलिस के कार्यों में बदलाव लाने के लिए जनता के बीच जाने जाते है। आईपीएस संतोष सिंह मूलरूप से उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले के निवासी है, जहां नवोदय विद्यालय से स्कूली शिक्षा की पढ़ाई के बाद बीएचयू से पॉलिटिकल साइंस की डिग्री हासिल कर जेएनयू से इंटरनेशनल रिलेशन से एमफिल करने पश्चात सिविल सर्विस की पढ़ाई में क्वालीफाई करने वाले 2011 बैच के आईपीएस संतोष सिंह की पहली पोस्टिंग दुर्ग में रही। जिसके बाद नक्सली क्षेत्र सुकमा में 2014 से 2016 तक बतौर एडिशनल एसपी के रूप में कार्य किये। जिसके बाद इन्हें नारायणपुर और महासमुंद जिले के पुलिस मुखिया का भी दायित्व सौंपा गया।

श्री सिंह रायगढ़ में भी 2 साल बतौर प्रशासनिक अधिकारी के रूप में काम किये। राजनांदगांव से स्थान्तरित होकर वर्तमान कोरबा जिले की कमान सम्हालने वाले श्री सिंह ने राजनांदगांव में रहते हुए नशे के खिलाफ सख्त अभियान चलाया और गांजा की तश्करी में लिप्त अनेक आरोपियों की धरपकड़ कर उनके पास से भारी मात्रा में गांजे की खेपे जब्ती की कार्रवाई की गई। इसके अलावा *निजात अभियान* चलाकर नशे के आदी हो चुके अनेक वर्ग को इससे छुटकारा दिलाने भरसक प्रयास के तहत सफल रहे। अपने ओहदे को परे रख आम जनता की तरह सोच रखने वाले आईपीएस श्री सिंह का मानना है कि नशे की प्रवृत्ति समाज के लिए घातक बुराई है, और नशे के ही कारण अपराध की उत्पत्ति होती है,

जो समाज व कानून व्यवस्था के लिए चुनौती है। कोशिश न सिर्फ नशे के अवैध कारोबार को रोकने की है, बल्कि नशा में जकड़े लोगों को नशे के गिरफ्त से बाहर निकालने की भूमिका भी अहम है। हर नशा करने वाले को जेल नही भेजा जा सकता इसलिए काउंसलिंग जैसे विकल्पों पर भी फोकस जरूरी है। जिसे कोरबा जिले में भी कायम रखा जाएगा। आईपीएस संतोष सिंह के अनुसार आपराधिक तत्वों के ऊपर प्रभावी कार्यवाही एवं जिले में पुलिसिंग व्यवस्था दिखनी चाहिए।

आम जनता से सीधे जुड़े रहने वाले आईपीएस संतोष सिंह

संतोष सिंह सीधे आम जनता से लगाव रखने वाले आईपीएस अधिकारी है, जो समाज से जुड़े हर पहलू को गंभीरता से समझते है तथा शराब, जुआ, सट्टा सहित समाज मे व्याप्त अन्य सामाजिक बुराई के खिलाफ सख्त अभियान चलाकर स्वच्छ समाज की परिकल्पना को मूर्त रूप प्रदान करने में सदैव तत्पर रहते है। श्री सिंह ने रायगढ़ में अपने कार्यकाल के दौरान कोरोना काल मे रक्षा बंधन त्योहार के वक्त लोगों को कोविड-19 संक्रमण से जागरूक करते हुए व इसके बचाव हेतु 12 लाख से ज्यादा लोगों को मास्क बांटे थे। साथ ही बेहिसाब गरीब जरूरतमंदों तक पहुँचकर उन्हें सूखा राशन सामाग्री का वितरण करने के साथ अन्य आवश्यकता वाली चीजे भी उपलब्ध कराई थी। जिसके लिए आमजन से उन्हें खूब सराहना मिली थी।

आईएसीपी अंतरराष्ट्रीय अवार्ड से नवाजे जाएंगे श्री सिंह

संतोष सिंह ने अमेरिका में छत्तीसगढ़ प्रदेश का नाम रौशन किया है, जहां वे इंटरनेशनल एसोसिएशन ऑफ चीफ्स ऑफ पुलिस (आईएसीपी) अवार्ड से नवाजे जाएंगे। बता दें कि संतोष सिंह को महासमुंद जिले में कार्य के दौरान चाइल्ड फ्रेंडली पुलिसिंग को बढ़ावा देने के अलावा अन्य जिलों में रहते हुए अच्छी नेतृत्व क्षमता और नए प्रयोग तथा अच्छे काम के साथ पुलिस के काम मे बदलाव लाने अपने दायित्वों में निरंतर बेहतर पुलिसिंग और पुलिस की छवि सुधारने हेतु किये गए उत्कृष्ट कार्यों के आंकलन के आधार पर आईएसीपी सम्मान के लिए उनका चयन किया गया है। आईएसीपी हर वर्ष सितंबर के महीने में अपने वार्षिक समारोह में ऐसे पुरस्कारों की घोषणा करता है। जो पुरस्कार संतोष सिंह को 40 अंडर 40 श्रेणी में दिया जाएगा। यह दुनिया के 40 साल से कम उम्र के ऐसे पुलिस अधिकारी को दिया जाता है, जिसने समाज सुधार को लेकर उत्कृष्ट व कानून व्यवस्था कायम रखने की दिशा पर बेहतर कार्य किया हो। इसके पहले यह पुरस्कार छत्तीसगढ़ के डीआईजी ईओडब्ल्यू आरिफ शेख को मिल चुका है तथा दूसरे भारतीय अधिकारी संतोष सिंह होंगे। जिन दोनों का नाम वर्ल्ड रिकार्ड में आंका जाएगा।

चैंपियंस ऑफ चेंज व इंद्रधनुष अवार्ड से भी सम्मानित

एसपी संतोष सिंह के कोरिया जिले में पदस्थापना के दौरान उनके उत्तम कार्य को लेकर वर्ष 2018 में उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू के हाथों चैंपियंस ऑफ चेंज अवार्ड से सम्मानित किया जा चुका है। वहीं रायगढ़ की तैनाती के दौरान इन्हें क्राइम कंट्रोल के लिए तीन बार इंद्रधनुष अवार्ड भी दिया गया है। भरोसा जताया जा रहा है कि कोरबा जिले में व्याप्त नशे की सामाजिक बुराई सहित अन्य अवैध गतिविधियों के विरुद्ध वे बेहतर अभियान चलाकर आमजन में पुलिस व कानून के प्रति एक प्रशंसनीय छवि कायम करने की दिशा में भी सफल होंगे।