बहस की चुनौती के पहले ओपी चौधरी अपने नेता रमन सिंह से जानकारी लेकर आये – कांग्रेस
बहस की चुनौती के पहले ओपी चौधरी अपने नेता रमन सिंह से जानकारी लेकर आये – कांग्रेस
रायपुर/11 जनवरी 2023: नौकर शाह से भाजपा नेता बने ओपी चौधरी द्वारा प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष को दी गयी बहस की खुली चुनौती पर प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष से बहस के लायक उनका कद नही है वे किसी कांग्रेस प्रवक्ता से बहस कर ले उनको हकीकत का पता चल जायेगा।
ओपी चौधरी को बहस में आने के पहले अपने आका रमन सिंह से पूछकर आना चाहिये कि गरीबों के राशन में हुये 36000 करोड़ के नान घोटाले में क्या बोलना है? नान डायरी वाली सीएम मैडम कौन है? पनामा पेपर वाले अभिषाक सिंह कौन है? गरीबो के अस्पताल डीकेएस में घोटाला कैसे हो गया? अगस्ता हेलीकाप्टर घोटाला इन सबके बारे में भी जानकारी लेकर आये। चौधरी रमन सिंह से यह भी पूछकर आये कि उन्होंने किसानों, आदिवासियों से धोखा वायदा खिलाफी क्यों किया था? किसानों को बार-बार 300 बोनस देने का वायदा कर क्यों नहीं दिया था?
2100 धान की कीमत पर धोखा क्यों दिया था? रमन राज में झीरम का क्रूर हत्याकांड हो गया उसकी जांच भाजपा क्यों नहीं होने दे रही? झलियामारी, नसबंदी, गर्भाशय कांड पर भी जानकारी लेकर आये क्योकि 15 साल बनाम 5 साल के डिबेट में इन पर भी बहस होगी।
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि कांग्रेस के पास बताने के लिये अपने सरकार के गौरवशाली जनहित के काम है। हमारी सरकार ने अपने जन घोषणा पत्र के 90 प्रतिशत वायदों को पूरा किया है। छत्तीसगढ़ में भाजपा मुद्दविहीन है। इसके विपरीत कांग्रेस के पास अपनी सरकार के 4 सालों के काम की लंबी फेहरिस्त है। जनता, कांग्रेस सरकार बनाम भाजपा के 15 साल की तुलना कर रही है। भाजपा ने 2003 में आदिवासियों को 10 लीटर दूध वाली गाय देने का वायदा किया था, हर आदिवासी परिवार से एक को सरकारी नौकरी का वायदा किया था, पूरा नहीं किया। कांग्रेस सरकार ने आदिवासियों से किये वादों को पूरा किया।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सरकार ने चार साल में आदिवासी वर्ग के शिक्षा, रोजगार, स्वास्थ्य के एवं कानूनी अधिकार के लिये अनेको कार्य किया। बस्तर क्षेत्र में आदिवासी के वर्ग शिक्षा के लिए 300 से अधिक बंद स्कूलों को खोला गया। नक्सलवाद को खत्म करने के लिए विश्वास, विकास और सुरक्षा के नीतियों के तहत काम किया गया। रमन सरकार के दौरान दस गांवों के 1707 आदिवासी परिवार से छीनी गई 4200 एकड़ जमीन को लौटाई गई, जेल में बंद निर्दोष आदिवासियों को जेल से मुक्त कराया गया।
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि तेंदूपत्ता का मानक दर 2500 रु से बढ़ाकर 4000 रु प्रति बोरा किया गया, 65 वनोपज की समर्थन मूल्य में खरीदी की गई, चरणपादुका खरीदने नगद राशि दी गई, बस्तर में मक्का प्रोसेसिंग प्लांट लगाया गया। 24827 व्यक्तिगत 20,000 से अधिक सामुदायिक व 2200 वन संसाधन पट्टे वितरित किए गए, 16 लाख से अधिक हेक्टर भूमि आदिवासी वर्ग को वितरित किया गया है। 4,38,000 से अधिक व्यक्तिगत वन अधिकार पत्र वितरित किया गया।
44,300 से अधिक सामुदायिक वन अधिकार पत्र वितरित किया गया। 2175 से अधिक वन संसाधन अधिकार ग्राम सभा को प्रदान की गई। मिलेट मिशन शुरू किया गया और बस्तर के वनोपज को देश-विदेश तक पहुँचाया गया। राजीव गांधी किसान न्याय योजना के माध्यम से धान, गन्ना, मक्का, कोदो, कुटकी, रागी, मक्का, दलहन-तिलहन, फलदार वृक्ष, सब्जी लगाने वाले आदिवासी किसानों को 10,000 रू. प्रति एकड़ इनपुट सब्सिडी दी जा रही है। 85 विकास खंडों में वनों उपज प्रोसेसिंग यूनिट की स्थापना के लिए आठ करोड 50 लाख रुपए प्राधिकरण मद से दिया गया। बिजली बिल हाफ की सुविधाएं।
सिंचाई कर माफ किया गया। इसका जवाब तो ओपी चौधरी क्या रमन सिंह के पास भी नही होगा।