मरवाही: ग्राम पंचायत तेंदूमुंड़ा सरपंच ,सचिव ने फर्जी बिल लगा किया लाखो रुपए का गबन..
मरवाही: ग्राम पंचायत तेंदूमुंड़ा सरपंच ,सचिव ने फर्जी बिल लगा किया लाखो रुपए का गबन..
भौतिक सत्यापन में नहीं मिला कोई काम .
गौरेला पेंड्रा मरवाही: जिले के मरवाही जनपद पंचायत अंतर्गत पंचायतों में शासन की योजनाओं में जमकर धांधली हो रही है। बिना काम के ही फर्जी बिल लगाकर लाखो रुपए का बंटरवाट किया गया है।
गौरतलब है की सबसे ज्यादा घोटाले ग्राम पंचायत स्तर की योजनाओं में होते हैं। कुछ ऐसा ही मामला सामने आया है जिसमे योजनाओं के नाम पर लाखों रुपये निकाल लिए गए लेकिन काम तक शुरु नहीं हुआ है। जनपद पंचायत मरवाही के ग्राम पंचायत तेंदूमुंड़ा में 15वें वित्त आयोग के क्रियान्यन पर – ग्राम पंचायत में हैंडपंप मरम्मत के नाम पर 07/04/2022 को हैंडपंप मरम्मत के लिए केसरवानी हार्डवेयर को 30500 राशि ..श्री राम ट्रेडर्स को 35000, केसरवानी हार्डवेयर को 33200 भुगतान तो किया गया परंतु किस हैंडपंप का मरम्मत कार्य किया गया है इसकी जानकारी नही बताई जा रही है।
वहीं इसी तरह पेयजल और हैंडपंप के नाम पर लाखो रुपए सीताराम सहायक शिक्षक एवं उपसरपंच के भतीजे के नाम पर राशि आहरण किया गया है इसी तरह बोकस फार्म श्री राम ट्रेडर्स जो उप सरपंच एवं सरपंच के जेब कर्म खर्च करने वाला फर्म के नाम पर अनेक महत्वपूर्ण योजना जिसमें सभी प्रकार के कार्य किए जाते हैं ऐसे कार्यों का भी भुगतान करने के साथ-साथ मिट्टी मुरूम स्ट्रीट लाइट पुस्तकालय भवन के नाम पर राशि आहरण की गई है जबकि भौतिक सत्यापन एवं मौके पर निरंक पाया जाता है
बंद पंचायत भवन में बिना प्रस्ताव के निकले राशि –
2 साल से लगातार पंचायत माह में एक-दो घंटे के लिए गोपनीय रूप से सरपंच पति एवं उपसरपंच पति के संरक्षण में सचिव के द्वारा खोला जाता है ना ही तो एक बार एक ही बार किसी योजना यह सरकार के महत्वपूर्ण योजना की चर्चा हुई ना ही ग्राम सभा आम सभा पंचायत प्रस्ताव नहीं किया गया ,बल्कि इतनी मोटी मोटी रकम अपने चहेते, खास फार्म जो की सामग्री विक्रेता नहीं है ।अपने चहेते के नाम पर फर्म बनवा कर मोटी रकम हरण किया गया है । जो एक संवेदनशील एवं पंचायत राज अधिनियम का खुला उलंघन्न है।
नेता एवं जिला जनपद के अधिकारी ने कार्यवाही से नदारद होकर साधी चुप्पी – जनपद एवं जिला स्तर से प्रत्येक ग्राम पंचायत पर ऑफलाइन एवं ऑनलाइन ऑडिट का भी कार्य किया जाता है
ऑडिट में महत्वपूर्ण विषय इतनी मोटी रकम पंचायत स्तर पर 20,000 से अधिक खर्च करने पर संबंधित अधिकारी से अनुमति एवं मानक प्रकरण तैयार कर विधिवत मूल्यांकन सत्यापन के बाद राशि आहरण किया जाता है जिसमें महत्वपूर्ण विषय यह है कि ग्राम पंचायत में सभी पंचों की उपस्थिति में कार्य कराने के पहले प्रस्ताव पारित एवं कार्य उपरांत राशि आहरण पर भी प्रस्ताव किया जाना होता है सभी नियमों को दरकिनार कर पैसे के बल पर मोटी रकम उन फर्मों को भुगतान कर गोलमाल किया गया है ।
अब देखना यह है कि ग्राम पंचायत से लेकर कलेक्टर तक ग्राम पंचायत के फर्जी आहरण पर किस तरह से कार्यवाही की जाती है व क्षेत्र के विकास कि मुद्दे आगामी विधानसभा आम जनता को पंचायत पर भ्रष्टाचार का न्याय मिलेगा या फिर कागज की कोरम पूर्ति कर मामले को रफा-दफा कर दिया जाएगा।