महिला बाल विकास विभाग: प्रमोशन के बाद भी अधिकारी का पुराने कार्यालय से नहीं हुआ मोहभंग
बिलासपुर: महिला बाल विकास विभाग के क्षेत्रीय प्रशिक्षण संस्थान बिलासपुर में पदस्थ सहायक संचालक सुश्री दुर्गावती कंवर जो कि परियोजना अधिकारी के रूप में बेहद चर्चित अधिकारी रही है भ्रष्टाचार के कई मामलों में इनकी संलिप्तता के चर्चे रहे हैं। ज्ञातव्य है कि कोरबा जिले में पदस्थापना के दौरान यह अकेले 10 परियोजना के प्रभार में थी तब रेडी टू ईट के भ्रष्टाचार के कई मामले उनके खिलाफ उजागर हुए थे उनकी यह प्रवृत्ति पूरे परियोजना अधिकारी कार्यकाल के दौरान बनी रही उनकी गतिविधियों की वजह से कोरबा जिले में पदस्थ रहे चार जिला अधिकारियों को तत्कालीन विभागीय सचिव द्वारा निलंबित किया गया था परंतु अपनी कुशलता से सुश्री कंवर वरिष्ठ अधिकारियों को फंसा कर स्वयं बच निकली। प्रमोशन के पूर्व यह परियोजना मस्तूरी में लंबे समय तक परियोजना अधिकारी के रूप में पदस्थ रही जहां इनका कार्यकाल केवल एक पर्यवेक्षक के सहारे चलता रहा आज भी इनका अपनी पुरानी पदस्थापना से मोहभंग नहीं हुआ है लगातार किसी न किसी बहाने से अपने पूर्व पद स्थापना क्षेत्र का उक्त पर्यवेक्षक के साथ भ्रमण करते हुए इन्हें देखा जा
सकता है सहायक संचालक के रूप में अपने कर्तव्यों का निर्वहन तो कर ही नहीं रही है साथ ही उस पर्यवेक्षक को भी विभागीय दायित्व से अलग कर अपनी सेवा में लगा रखा है जिससे क्षेत्र की स्थिति खराब हो रही है ध्यान देने योग्य बात है कि शासन स्तर से प्रशिक्षण संस्थान के अधिकारियों को संभाग के सभी जिलों में दौरा करने के निर्देश प्राप्त हुए हैं परंतु सुश्री कंवर का मस्तूरी से लगाव अन्य जिलों के भ्रमण में उनके लिए बाधा उत्पन्न कर रहा है अर्थात वे कहीं भी अन्य जगह पर दौरा नहीं करती ना ही अपने कार्यालय में समय पर उपस्थिति रहती हैं ना ही किसी अन्य दायित्व का निर्वहन करती है यह इनकी पुरानी कार्यशैली है इस वजह से 2021 में इनके अधीनस्थ सेवानिवृत्त पर्यवेक्षक का पेंशन प्रकरण अब कहीं जाकर निराकृत हो सका है यह एकमात्र उदाहरण है इनकी कार्य से बचने की प्रवृत्ति का विभाग को ऐसे अधिकारियों के विरुद्ध कार्यवाही करते हुए इन्हें निर्देशित करना चाहिए की अपने वर्तमान दायित्व के प्रति सजग रहते हुए कार्य करें।