कोरबा: ये कैसी विडंबना ,खाट पर सिस्टम: गर्भवती महिला को खाट के सहारे कराया नदी पार…

ये कैसी विडंबना ,खाट पर सिस्टम: गर्भवती महिला को खाट के सहारे कराया गया नदी पार

कोरबा जिले के अंतिम छोर कर्री(तुलबुल) क्षेत्र में परिवहन सुविधाओं का बुरा हाल है. आज सुबह रविवार को तुलबुल गांव में एक महिला को प्रसव पीड़ा हुई, जहां बम्हनी नदी में पुल नहीं होने के कारण एंबुलेंस गांव तक नहीं आ सकती थी. लिहाजा, ग्रामीणों ने गर्भवति महिला को खटिया पर लाद कर नदी पार कराया. हालाकि नदी पार करते ही 112 की सुविधा पीड़िता को तत्काल मिल सकी..

कोरबा : सत्ता बदली, चेहरे बदले, लेकिन हालात आज तक वैसे के वैसे हैं. कोरबा में कई विकासखंड आज भी ऐसे हैं, जहां आम जनता मूलभूत सुविधाओं से वंचित है. पोड़ी उपरोड़ा तहसील के ग्राम कर्री(तुलबुल) पंचायत से ऐसी तस्वीर सामने आई, जिसने सारे सरकारी दावों की पोल खोलकर रख दी है. इन इलाकों में जनता के लिए भले ही कई योजना लागू की गई हो, लेकिन शासन-प्रशासन की लापरवाही आए दिन देखने को मिल जाती है. प्रशासन ग्रामीण क्षेत्रों में विकाश को लेकर कई दावे करती है, लेकिन इन इलाकों ने परिवहन व स्वास्थ्य सुविधाओं का ही सबसे बुरा हाल है.

 

रविवार को कर्री (तुलबुल) गांव में एक महिला को प्रसव पीड़ा हुई, लेकिन एंबुलेंस की सुविधा नहीं मिल सकी. महिला को बम्हनी नदी पार करके 112 तक पहुंचाया गया, नदी पर पुल नहीं होने के कारण 112 नदी के उस पार नहीं जा सकती थी. लिहाजा ग्रामीणों ने गर्भवति महिला को खाट पर लाद कर नदी पार कराया. इस दौरान 112 के कर्मचारियों की तत्परता भी देखने को मिली. 112 को कॉल करने पर तत्काल मौके पर पहुंची. तब जाकर महिला को अस्पताल पहुंचाया जा सका.

ग्रामीणों ने की पुल बनाने की मांग

कोरबा के पसान क्षेत्र में कई ऐसे गांव है जहां स्वास्थ्य कर्मी पहुंचते ही नहीं. ग्रामीणों का कहना है कि उनका गांव जिला मुख्यालय से करीब 100 से 120 किलोमीटर दूर है. वहीं पसान अस्पताल के लिए 5 किलोमीटर के दूरी तय करनी पड़ती है. बारिश के समय हालात और भी बदतर हो जाते हैं, मरीजों को नाव के सहारे नदी पार करनी पड़ती है. रात के समय नाव की सुविधा भी नहीं मिल पाती है. ग्रामीणों ने नदी पर जल्द से जल्द पुल बनाने की मांग सरकार से की है ।